Description
काम सुधा एक परिचय
सेक्स/काम की कमजोरी होने का मुख्या कारन
पुराने ज़माने के लोग २-२, ३-३ शादियां करके खुश रहते थे, आज के लोग एक को भी नहीं संभल पाते तलाक हो जाती है,, कारन आधुनिक जीवनशैली व्यस्त दिनचर्या और अस्वस्थ्य खान पान | सेक्स कमजोरी का एक और सबसे मुख्या वजह होती है बचपन की नादानी में जाने अनजाने में अत्याधिक अपने हाथो का गलत तरीके से इस्तेमाल करना जिसके कारण नसे सिथिल और कमजोर पड़ जाती नसों के द्वारा शरीर के मसाने में गर्मी पैदा हो जाती है धातु/वीर्य काफी हल्का हो जाता है उसमे अत्यधिक पतलापन आ जाती है दिमाग की नियंत्रण कमजोर हो जाता है मन में काफी नकारात्म विचार भर जाती है जीवन हताश निराश लगने लगता है बहुत सारे लोग डर से शादी नहीं करते शादी शुदा लोगो का दांपत्य जीवन निराशाजनक हो जाती है इसमें सबसे मुख्य और बड़ी समस्या होती है शीघ्रपतन की जिसके कारन वो अपने स्त्री पार्टनर को संतुस्ट नहीं कर पाती और खुद को भी शर्मिंदगी महसूस करते है सारे मस्ती सारे अरमान बर्बाद हो जाती है अगर ये समस्या लम्बे समय तक चलती है तो उसके अंदर नामर्दी की समस्या आने की चांस भी बढ़ जाता है |
काम सुधा काम क्या और कैसे करता है |/ काम सुधा के फायदे
इन सभी समस्याओं के करने को ध्यान में रखते हुए मानव हर्बल्स फार्मासिस्ट टीम ने कठिन खोज/ रिसर्च के बाद दुर्लभ जड़ी बूटियों के द्वारा काम सुधा आयुर्वेदिक दवा का निर्माण किया गया है जिसके सेवन से आपके इस तमाम समस्या के कारण को स्टेप बाई स्टेप ठीक करता है आपके इन सभी कमजोरी को दूर करता है शरीर में फिर से नया धातु/वीर्य बनता है जिसकी गुणवत्ता और मात्रा काफी अधिक मात्रा में होती है आपका वीरा काफ़ि गाढा बनता है, आपके अंदर नया जोश नयी ऊर्जा भर देता दिमाग पर पूरा नियंत्रण रहता है जिससे सेक्स टाइमिंग बढ़ाने में काफी मदद करता है स्तम्भन शक्ति काफी बढ़ जाती है, एक नई आनंद भरी जीवन की शुरुआत हो जाती है
काम सुधा कम्पोजीशन/ काम सुधा को बनाने में उपयोग की गई जाती बूटियां
काम सुधा पैकेज में 150 गम पाउडर और 30 टेबलेट्स होती है
काम सुधा 13 दुर्लभ शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार किया गया जो इस प्रकार है
पाउडर के अंदर जड़ी बूटियां :- गोक्षुरा, अश्वगंधा, सफेदमूसली, सतवारी, शुद्धशिलाजित, कौंचबीज, ब्राहमी, अकरकरा, जिंजर, जायफल और दालचीनी
गोखरू क्या है ?
गोक्षुर या गोखरू वातपित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ, रक्त-पित्त(नाक-कान से खून बहना) से राहत दिलाने वाला, कफ दूर करने वाला, मूत्राशय संबंधी रोगों में लाभकारी, शक्तिवर्द्धक और स्वादिष्ट होता है। गोक्षुर का बीज ठंडे तासीर का होता है। इसके सेवन से मूत्र अगर कम हो रहा है वह समस्या दूर हो जाती है।
गोखरू के फायदे
गोखरू व्यक्ति को शारीरिक रूप से फिट रखने में मदद करता है। इससे शरीर मजबूत होता है और यौन शक्ति में इजाफा होता है। स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ती है, जिस वजह से इसे पुरूषों के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है। इसके सेवन से सेक्सुल डिसऑर्डर और इंफर्टीलिटी की समस्याएं दूर होती हैं
अश्वगंधा क्या है ?
अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है। जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है। -अश्वगंधा मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में लाभदायक है। एक रिर्पोट के अनुसार तनाव को 70 फिसदी तक अश्वगंधा के इस्तेमाल से कम किया जा सकता है।
अश्वगंधा के फायदे
जो आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लडने की शक्ति प्रदान करता है। अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है। जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है। -अश्वगंधा मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में लाभदायक है।
सफेद मूसली क्या है ?
सफेद मूसली (safed musli) एक ऐसी शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है जिसका मुख्य इस्तेमाल सेक्स पावर बढ़ाने के लिए किया जाता है। सफेद मूसली के फायदे (safed musli ke fayde) सिर्फ सेक्स क्षमता बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह गठिया, डायबिटीज, यूटीआई आदि बीमारियों को दूर करने में भी उपयोगी है।
सफेद मूसली के फायदे
- सेक्स पावर बढ़ाने में उपयोगी (Safed musli for sex stamina) : …
- शीघ्रपतन रोकने में उपयोगी (safed musli for premature ejaculation) : …
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन (safed musli for erectile dysfunction) : …
- नपुंसकता से बचाव (safed musli for impotence):
कौंच के बीज क्या है ?
कौंच के बीज में प्रोलैक्टिन नामक एक हार्मोन पाया जाता है। ये प्रोलैक्टिन प्रजनन, चयापचय और इंम्यूरेग्यूलेटरी कार्यों के लिए फायदेमंद होता है। ये टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करता है। इससे पुरुषों की शारीरिक क्षमता बढाती बढाती है।
कौंच के बीज में मौजूद पोषक तत्व पिता बनने की अक्षमता को दूर करने के लिए भी कारगर है
- कौंच के बीज में प्रोलैक्टिन नामक एक हार्मोन पाया जाता है। …
- कौंच के बीज के नियमित सेवन से थकान एवं शारीरिक कमजोरी दूर होती है। .
- कौंच के बीज खाने से पीनियल गंथि पर सक्रिय होती है। …
- इसमें डोपामाइन की बहुत अधिक मात्रा होती है।
शिलाजीत क्या है?
शिलाजीत हिमालय और हिंदुकुश पर्वतमाला से प्राप्त किया जाने वाला एक प्राकृतिक खनिज पदार्थ है। … पुरुषों की अंदरुनी ताकत और यौन स्वास्थ्य के लिए शिलाजीत रामबाण इलाज माना गया है। शुद्ध शिलाजीत का सेवन (Shilajit Benefits) करना पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी अद्वितीय फायदे पहुंचाता है।
शिलाजीत के फायदे
- पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन में सुधार पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन काफी जरूरी होता है।
- शिलाजीत के फायदे- एनीमिया की समस्या शरीर में खून की कमी को एनीमिया की समस्या कहा जाता है। …
.पेशाब संबंधित समस्याएं …
- स्वास्थ्य के लिए शिलाजीत- जोड़ों के दर्द से राहत
- दिमाग को तेज रखता है
ब्राह्मी क्या है ?
ब्राह्मी अनुग्रह की जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है, यह एक चमत्कारी घटक है, जिसका उपयोग बालों के लिए करने पर अद्भुत नतीजे दिखते हैं। इसकी जड़ें, पत्तियां और फूलों सहित पूरा पौधा ही औषधीय गुणों से भरपूर होते है। ब्राह्मी स्वास्थ्य लाभों के अनूठे फायदों से भरपूर होता है, लेकिन बालों के लिए भी गुण फायदा पहुंचाते हैं।
Brahmi Benefits: बालों का झड़ना रोकने से लेकर मज़बूत-घने बालों तक, ऐसे हैं ब्राह्मी के ग़ज़ब के फायदे
- दो मुंहे बालों से बचाता है …
- गंजेपन से बचाता है …
- रूसी से छुटकारा …
- बालों का झड़ना कम करता है …
- सिर की त्वचा को करता है साफ …
- तनाव भी करता है दूर …
- बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है
शतावरी क्या हैं ?
शतावरी आयुर्वदिक जड़ीबूटी है और यह लिली परिवार से जुडी औषधीय मानी जाती है। पुरे दुनिया में शतावरी जड़ीबूटी अपने गुणों के लिए प्रसिद्ध है। शतावरी पौधे के हर भाग का उपयोग औषधीय बनाने में किया जाता है। हालांकि शतावरी तीन रंगो में पाया जाता है जिनमे सफ़ेद, हरा और बैगनी शामिल है। शतावरी के उपयोग बहुत से स्वास्थ्य संबंधित समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है। आइए आगे शतावरी के फायदों के बारे में जानकारी देंगे।
शतावरी के फायदे
शतावरी में दही की तरह प्रोबायोटिक गुण होता है जो पाचन स्वास्थ्य को स्वस्थ रखता है। शतावरी में मौजूद घटक भोजन के पोषक तत्व को अवशोषित करने में मदद करता है। इसके अलावा शतावरी में फाइबर मौजूद होता है जो कब्ज की समस्या को होने नहीं देता है। अगर आप पाचन तंत्र की समस्या से परेशान है तो शतावरी चूर्ण का उपयोग जरूर करें।
अकरकरा क्या हैं ?
अकरकरा के फायदे सिरदर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है। अकरकरा की जड़ या फूल को पीसकर, हल्का गर्म करके ललाट (मस्तक) पर लेप करने से मस्तक का दर्द कम होता है। इसके अलावा इसके प्रयोग से मुख की दुर्गंध भी दूर हो जाती है, एक बार के प्रयोग के लिए एक फूल या थोड़ा कम पर्याप्त होता है।
अकरकरा के फायदे
पीरियड्स के दर्द से राहत दिलाने में अकरकरा के काढ़े का सेवन लाभदायक होता है पेट की तकलीफों से बचने के लिए भी ये जड़ी बूटी फायदेमंद साबित होती है
- अगर किसी को मिर्गी की बीमारी है तो उन्हें अकरकरा, शंखपुष्पी, मास्टिक गम और शहद मिलाकर सेवन करें। …
- महुआ के तेल के साथ अकरकरा की जड़ों को पीसकर मालिश करने से लकवा ठीक हो जाता है।
अदरक क्या हैं ?
अदरक का इस्तेमाल अधिकतर भोजन के बनाने के दौरान किया जाता है। अक्सर सर्दियों में लोगों को खांसी-जुकाम की परेशानी हो जाती है जिसमें अदरक प्रयोग बेहद ही कारगर माना जाता है। यह अरूची और हृदय रोगों में भी फायदेमंद है। इसके अलावा भी अदरक कई और बीमारियों के लिए भी फ़ायदेमंद मानी गई है।
अदरक के फायदे :
इसका नियमित सेवन करने से पाचन शक्ति दुरुस्त रहती है। 0 अदरक का नियमित सेवन माइग्रेन के दर्द को कम करता है। 0 पीरियड के दौरान पेट में होने वाली ऐंठन में ब्राउन शुगर और अदरक की चाय पीने से आराम मिलता है। 0 शुगर की शिकायत वाले व्यक्ति अगर नियमित तौर पर अदरक का सेवन करें तो किडनी के नुकसान की आशंका काफी कम हो जाती है।
जायफल क्या हैं ?
मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का एक इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदार होता है। पकने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग की जावित्री दिखाई देने लगती है।
जायफल के फायदे
जायफल है औषधीय गुणों की खान, सर्दी-जुकाम से लेकर लकवा तक में है कारगर
- दस्त व मुहांसों में भी फायदेमंद जायफल घिसकर उस पानी का सेवन करें व नाभि पर लेप लगाने से दस्त आने बन्द हो जाते हैं। …
- पाचन तंत्र …
- सर्दी-खांसी …
- सिर दर्द …
- सर्दी से सुरक्षा …
- बढ़ाए भूख …
- दस्त और पेट दर्द …
- प्रसव बाद कमर दर्द में फायदा
दालचीनी क्या हैं ?
दालचीनी एक छोटा सदाबहार पेड़ है, जो कि 10–15 मी (32.8–49.2 फीट) ऊंचा होता है, यह लौरेसिई (Lauraceae) परिवार का है। यह श्रीलंका एवं दक्षिण भारत में बहुतायत में मिलता है। इसकी छाल मसाले की तरह प्रयोग होती है।
दालचीनी के फायदे
Benefits of Cinnamon: दिल की बीमारियों को दूर रखती है दालचीनी, जानिए इसके 10 और फायदे
- ब्लड शुगर लेवल को कम करती है:
- फंगल इंफेक्शन दूर करने में:
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर:
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं:
- औषधीय गुण होते हैं:
- सर्दी-जुकाम दूर करने में:
- जोड़ों का दर्द दूर करने में:
- पाचन को बेहतर बनाती है:
कोकिलाक्ष क्या हैं ?
कोकिलाक्ष (Kokilaksha) को तालमखाना कहते हैं। सामान्य तौर पर इसके बीज का प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है। ये एक तरह का कंटीला पौधा होता है जो नदी, तालाब के किनारे गीली मिट्टी में उगता है। इसके बीजों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा यौन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है।
कोकिलाक्ष के फायदे
कोकिलाक्ष के पत्ते मधुर, कड़वे तथा शोफ (Dropsy), शूल या दर्द, विष, खाने की कम इच्छा, पेट संबंधी रोग, पाण्डु या पीलिया रोग, विबंध या कब्ज, मूत्ररोग नाशक तथा वात कम करने वाले होते हैं। तालमखाने की जड़ शीतल, दर्दनिवारक या दर्द कम करने वाला, मूत्रल तथा बलकारक होती है।
उटंगन क्या है?
उटंगन के पौधे नमी वाली ठंडी जगहों पर नदी के किनारे उत्पन्न होते हैं। इसकी पत्तियां गुच्छों में उगती हैं जो किनारों पर दांतेदार एवं कांटेदार होती हैं। उटंगन की पत्तियों की सब्जी बनाकर खाई जाती है और विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी पत्तियों की सब्जी खाने से अच्छी नींद आती है।
उटंगन के फायदे
सांसो से जुड़े रोगों में फायदेमंद है उटंगन (Utangan Benefits for Respiratory Diseases in Hindi) अगर आप सांस से संबंधित बीमारियों से परेशान हैं तो उटंगन का उपयोग करना आपके लिए फायदेमंद है। इसके लिए 1-2 ग्राम उटिंगन के बीजों का सेवन करें या इन बीजों को पीसकर छाती पर लगाएं। इसे छाती पर लगाने से खांसी से भी आराम मिलता है।
काम सुधा सेवन करने/खाने का तरीका/काम सुधा खुराक
एक गिलास दूध में एक चाय चमच के बराबर मात्रा में काम सुधा पाउडर सुबह शाम खाना खाने के आधे घंटे बाद
दूध नहीं रहने की इस्थिति में एक कप/आधे गिलास गुनगुने पानी के साथ ले सकते है |
काम सुधा साइड इफ़ेक्ट
जैसा की ऊपर बताया जा चूका है की मानव हर्बल्स 100% विशुद्ध सबसे उच्च कोटि के गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाई के लिए ही काम करती है और हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा जनता है कि इस तरह की शुद्ध आयुर्वेदिक दवाइयां को उचित मात्रा में एक्सपर्ट कि सलाह में लेने से कोई भी नुकसान या दुष्प्रभाव नहीं करती है | हालाँकि मार्केट में बहुत सारेकंपनियां आयुर्वेद के नाम पर बड़े बड़े बाते और दावे करके अपनी जेब भरने के चाकर में एलोपैतिक और Steoride मिलाकर बेचते है जिसके वजह से लोगो आयुर्वेद पर भी कभी कभी कन्फ्यूज्ड हो जाते है/ जो लोग अच्छा काम कर रहे है उनपर भी शक करते है
आखिर पुरुसो में ये कमजोरी हमेशा क्यों बनी रहती है
१) आधुनिक जीवनशैली ब्यस्त दिनचर्या और बीमारु खानपान
२) उचित भोजन/पोषण ना लेना और नसा करना
३) बचपन के समय अत्यधिक हस्तमैथुन किया हो
४) शारीरिक व्यायाम की कमी
५) डिप्रेशन या नींद ना आने की समस्या
६) अधिक मेडिकल स्टोर/मार्किट से तरह तरह की दवाई का सेवन करना
ये कुछ बेसिक कारन है जिसके वजह से पुरुसो में ये समस्या हमेशा बानी रहती है
मरदाना कमजोरी को हमेशा दूर कैसे रखे?
1) इस समस्या का जो भी कारन ऊपर बताये गए उससे हमेशा दूर रहे
2) हमेशा अपने सेहत के प्रति सीरियस रहे इसके लिए नियमित स्वास्थ्यवर्धक खान पान और एक्सरसाइज का खास धयान रखे
3) अपने भोजन में दूध और कोई भी मेवे का नियमित सेवन करें
4) रोज आधे से एक घंटे योगा और व्यायाम के लिए समय जरूर निकले
5) 8 घंटे का अच्छी गहरी नींद जरूर लें
काम सुधा कौन कौन ले सकता है ?
काम सुधा आयुर्वेदिक दवा को 18 -65 साल के कोई भी पुरुष जिसको शारीरिक और मानसिककमजोरी है, बचपन में ज्यादा हाथ चलने कि वजह से धातु वीर्य काफी पतला और कमजोर हो गया है शीघ्रपतन कीसमस्या से परेशां है तनाव की कमी है एक बार करने के बाद दुबारा इच्छा नहीं करता है स्टेमिना और जोश की कमी है | इसके अलावा नार्मल इंसान जो अपनी स्टेमिना और बूस्ट करना चाहते है मरदाना ताकत को और ज्यादा बढ़ाना चाहते वो सभी ले सकते है सिर्फ कोई भी गंभीर बीमारी वाले को लेने कि अनुमति/सलाह नहीं है
काम सुधा मंगवाने का तरीका
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