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SEHAT SUDHA/सेहत सुधा

799.00

Sehta sudha contains several natural ingredients that are proven to gain weight naturally. It is a revolustionary herbal formulation made potent herbs that improves appetite by enhancing the metabolism of the body.

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सेहत सुधा एक परिचय
सेहत कमजोर होने का मुख्या कारन

समय के साथ अगर व्यक्ति के शरीर का पूरा विकाश नहीं होता तो चिंताएं और बढ़ जाती है सेहत का फिक्र होने लगता खास कर उनको और ज्यादा जो बचपन से दुबले पतले होते है सेहत सुधा उन दुबले पतले लोगो के लिए बहुत हीं खास है जो अपना वजन और पर्सनालिटी बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर चुके है बहुत सारे उपाय और डाइट को पहले से फॉलो कर रहे है या करने के बाद भी आपका वजन नहीं बढ़ रहा है या कोई प्रोडक्ट या सप्लीमेंट्स खा चुके है वजन बढ़ाने के लिए और वजन बढ़ने के बाद फिर से दुबारा गिर जाता है | है तो ये सभी समस्याएं पाचन और इम्मुनिटीकमजोर होने के कारन होता है और पाचन और इम्युनिटी ख़राब होने का मुख्या कारन है आधुनिक जीवनशैली और खान पान | पुराने ज़माने के लोगों का सेहत इतना कमजोर नहीं होता था क्यूंकि उनका पूरा खान पान और जीवन शैली प्राकृति के अनुकूल होता था आधुनिक जीवनशैली और खान पान के वजह से आपके वजन बढ़ने का सभी प्रयास बेकार हो जाती है, जानकारी के आभाव में लोग तरह तरह के मार्केट की दवाई और सप्लीमेंट्स यूज़ करने लगते जिसके कारन ये समस्या और जटिल हो जाती है, इन सभी कारणों से पूरा पाचन सिथिल और कमजोर हो जाती है पेट में गैस कब्ज़, हमेशा पेट खराब रहने लगता कुछ भी खाया पिया हुआ भोजन का रास शरीर मिल नहीं पता कुछ भी ताकत वाली चीज़ें खाने के बाद उसका उल्टा रिजल्ट मिलता है, शरीर दुबला पतला कमजोर दीखता है हर हमेशा आस पास के लोग मजाक बनाते रहते है जॉब करियर में बाधा बन जाती है |तो इन तमाम समस्यायों के होने के कारणों को ध्यान में रखते हुए मानव हर्बल्स के फार्मेसिस्ट टीम ने मिलकर रिसर्च के द्वारा सेहत सुधा को बनाया है

सेहत सुधा काम कैसे करता है

इसके सेवन से पुरे हाज़मे के सभी त्रुटिओं को दूर करके खाये गए भोजन के सभी पोषक्तत्वो शरीर को मिलने लगता है नया खून बनता है ताकत बढ़ती है वजन बढ़ता है और पर्सनालिटी निखार जाती है
सेहत सुधा एक ऐसी आयुर्वेदिक फार्मूला की जिसका किस्मत बहुत ज्यादा खराब होती है उसी को काम नहीं करता है नहीं तो ये एक वजन बढ़ने का चमत्कारी फार्मूला है और ये बात मै सिर्फ आपको अपने मन से नहीं कह रहा हूँ जिन लोगो ने इसका कोर्स किया है उसका प्रूफ के साथ बता रहा हूँ पहले आप पुराने लोग जो कोर्स कर चुके है उनका प्रूफ देखिये प्रूफ देखिये सुनिए कॉल रिकॉर्डिंग,,,,,,,,,,
दोस्तों ये कॉल रिकॉर्डिंग कोई बनावटी नहीं है 100% ओरिजिनल है क्यूंकि आप इसे रीप्ले करके ध्यान से सुनिए अगर आपके अंदर थोड़ी सी भी समझ होगी तो बहुत अच्छे से समझ जायेंगे की असली रिकॉर्डिंग है ये नकली ऐसे सेहत सुधा के हज़ारो उजर्स है जो इसे अपनाकर अपनी दुबलेपन की हमस्य से हमेशा के लिए छुटकारा पा लिया
सेहत सुधा सिर्फ वजन ही नहीं बढ़ाता है जैसाकि इसका नाम है सेहत सुधा सेहत का मतलब हमारा अच्छा स्वस्थ्य गुड हेल्थ एंड पर्सनालिटी मतलब हमारे शरीर के अंदर किसी प्रकार का कोई भी फाल्ट ना हो सुधा हिंदी भाषा का एक शब्द है जिसका मतलब होता है अमृत तो जैसा इसका इसका नाम है वैसा काम भी है ओवरआल कहने का मतलब है की सेहत सुधा हमारी हेल्थ के लिए अमृत की तरह काम करता है|
सेहत सुधा घटक (इंग्रेडिएंट्स )विस्तार वर्णन

कौच बीज (720 mg)

केंवाच की मुख्यतः दो प्रजातियां होती हैं। एक प्रजाति जो जंगलों में होती है। दूसरी प्रजाति की खेती की जाती है।जंगली केंवाच पर घने और भूरे रंग के बहुत अधिक रोएं होते हैं। अगर यह शरीर पर लग जाए तो बहुत तेज खुजली, जलन होने लगती है। इससे सूजन होने लगती है।
कौच बिज़ के फायदे: इसके फायदे, मस्तिष्क स्‍वास्‍थ्‍य के लिए , पुरुष बांझपन को दूर करने में , कामशक्ति (सेक्सुलअल स्टेमना) बढ़ाने के लिए ,बढ़ती उम्र को रोकने में , मासिक धर्म विकार में , पेशाब से संबंधित रोग में ,लकवा (पक्षाघात) में , डायबिटीज में , किडनी विकार में और दस्त को भी नियंत्रित करता है |

आवला (800 mg)

आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। आयुर्वेद में आंवले को बहुत लाभकारी बताया गया है. इसमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है |
आवला के फायदे : आंवला कोल्ड, कफ के अलावा शरीर में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं होने देता है. साथ ही इसमें ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो कैंसर सेल्स से लड़ने का काम करते हैं.आंवला खून को साफ करता है, दस्त, मधुमेह, जलन की परेशानी में लाभ पहुंचाता है। इसके साथ ही यह जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या हेमोराइड में भी फायदेमंद होता है।इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने का काम करता है. साथ ही रूखे और बेजान बालों को भी मजबूत बनता है |

गोखरू (480 mg)

इसके पौधे जमीन पर छत्ते की तरह फैले रहते हैं | गोक्षुर के जड़ को दशमूल में और फल को वृष्य के रुप में प्रयोग करते है। इसके पत्ते चने के जैसे होते हैं। इसलिए संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं।और इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बीजी होते हैं। गोखुर के गुण अनगिनत है। जिसके कारण ही यह सेहत और रोगों दोनों के लिए औषधि के रुप में काम करता है।
गोक्षुरा के फायदे: गोक्षुर या गोखरू वातपित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ, रक्त-पित्त(नाक-कान से खून बहना) से राहत दिलाने वाला, कफ दूर करने में , मूत्राशय संबंधी रोगों में तथा शक्तिवर्द्धक और स्वादिष्ट होता है। गोक्षुर का बीज ठंडे तासीर का होता है। इसके सेवन से मूत्र अगर कम हो रहा है वह समस्या दूर हो जाती है।जिससे आपका शरीर फिट और तंदुरुस्त रहता है |

मोरिंगा (240 mg)

मोरिंगा को सहजन भी कहा जाता है. आमतौर पर लोग सहजन का प्रयोग केवल उसकी सब्जी बनाने के लिए करते हैं. बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोरिंगा सेहत के लिए और भी कई तरीकों से फायदेमंद होता है. मोरिंगा में खूब सारा प्रोटीन, एमिनो एसिड, फाइबर, विटामिन A B, C और E पाया जाता है.और साथ में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो एक निरोग बॉडी की आवश्यकता होती है |

मोरिंगा के फायदे: मोरिंगा का उपयोग अस्थमा (asthma), मधुमेह (diabetes), मोटापा (Obesity), रजोनिवृत्ति के लक्षण (symptoms of menopause) और कई अन्य बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। मोरिंगा के बीजों के तेल का उपयोग खाद्य पदार्थों, इत्र और बालों की देखभाल करने वाले उत्पादों में और मशीन लुब्रिकेंट के रूप में भी किया जाता है

पपाइन (240 mg)

जैसा की हम सब जानते है की पैपिन, पपीते से निकाला जाता है जो एक पाचक एंजाइम है. ये प्रोटीन को पचाने में मदद करता है और आंतों को साफ करता है. एक अच्छा पाचन तंत्र शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, जिससे फैट कम होता है.

पपाइन के फायदे : यह पाचन क्रिया को सुधारने में भी काम आता है। इसके इस्तेमाल से पेट के कीड़े, गले और ग्रसनी की सूजन, दाद (herpeszoster) के लक्षण, दस्त,फीवर, नाक बहना और सोरायसिस (स्किन की एक स्थिति) को कम किया जा सकता है।

अश्वगंधा (2200 mg)

आयुर्वेद में उपचार के लिए अश्वगंधा का उपयोग आज कोई नया नहीं है यह प्राचीन काल से ही उपयोग में आ रहा है यह एक बहुत ही कारगर औषधि है. बीते कई हजारों साल से अश्वगंधा का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है. आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने अश्वगंधा के बारे में बताते हुई कई ऐसी जानकारियां दी हैं जिसका पता शायद ही किसी को हो. अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है.

अस्वगंधा के फायदे : अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ और भी कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो आपकी बॉडी को हेल्दीं रखने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण भी होते है जो स्ट्रेस फ्री करने में मदद करते है। इसके अलावा इसे घी या दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ाने में मदद करती है | साथ ही कोलेस्ट्रॉल , मधुमेह और कैंसर से भी बचाव करता है |

गिलोय (240 mg)

गिलोय एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। ‘बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता भी है।आयुर्वेद में इसे रसायन माना गया है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।गिलोय के पत्ते स्वाद में कसैले, कड़वे और तीखे होते हैं।

गिलोय के फायदे: गिलोय का उपयोग कर वात-पित्त और कफ को ठीक किया जा सकता है। यह पचने में आसान होती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं।

सफेद मूसली (800 mg)

सफेद मूसली (safed musli) को शक्तिवर्द्धक जड़ी बूटी माना जाता है, इसलिए आयुर्वेद में औषधि के रूप में इसका बहुत इस्तेमाल किया जाता है। सफेद मूसली की जड़ और बीज, विशेष रूप से औषधि के रूप में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

स्वेत मूसली के फायदे: आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए अधिक होता है लेकिन इसके अलावा सफेद मूसली का इस्तेमाल आर्थराइटिस, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज),नपुंसकता आदि रोगों के इलाज में और शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी प्रमुखता से किया जाता है। कमजोरी दूर करने की यह सबसे प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। इसके जड़ों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, सैपोनिंस जैसे पोषक तत्व और कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि खनिज प्रमुखता से पाए जाते हैं।

शतावरी (800 mg)

पाचन तंत्र के लिए शतावरी बहुत अच्छा माना जाता है उसी तरह जैसे दही का सेवन किया जाता है। शतावरी में दही की तरह प्रोबायोटिक गुण होता है जो पाचन स्वास्थ्य को स्वस्थ रखता है। शतावरी में मौजूद घटक भोजन के पोषक तत्व को अवशोषित करने में मदद करता है। इसके अलावा शतावरी में फाइबर मौजूद होता है जो कब्ज की समस्या को होने नहीं देता है। अगर आप पाचन तंत्र की समस्या से परेशान है तो शतावरी चूर्ण का उपयोग जरूर करें।
शतावरी के फायदे: शतावरी के फायदे अनगिनत है जैसे हृदय को स्वस्थ रखने में ,ऑस्टियोपोरोसिस में , वजन कम करने में और मधुमेह के लिए फायदेमंद होता है |

चिआ सीड्स (800 mg)

Chia plant एक फूलदार पौधा होता है जो कि पुदीने के पौधे की तरह होता है, इसी पौधे के बीज को चिया सीड्स कहते हैं। चिया बीज एक बहुत छोटे बीज हैं, जो काले और सफेद रंग के होते हैं। मूल रूप से मैक्सिको में उगाए जाने वाले पौधे साल्विया हेस्पेनिका के एक खाद्य बीज, चिया बीज एक पोषक तत्व-घना घटक है।
चिआ सीड्स के फायदे: चिया के बीज में 18% आरडीआई कैल्शियम पाया जाता है जोकि हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। साथ ही चिआ सीड्स हृदय संबंधित रोगों में लाभकारी होता है , पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है ,शरीर को energetic बनाता है और ,immune system को भी मजबूत बनाता है।

ब्लैक चना (1120 mg)

काला चना आयरन से भरपूर होता है. इसलिए ये शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है यानी खून की कमी को दूर करता है. काला चना डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें काफी फाइबर होता है, जो ब्‍लड में शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है.
कला चना के फायदे : ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है ,पाचन में सहायक होता है | वजन को कम करता है और , कैंसर से भी बचाव करता है |

ओट्स (1600 mg)

ओट्स एक प्रजाति का अनाज है। जो बीजो की तरह होती है जिसे दलिया भी कहा जाता है। पहले ओट्स को केवल जानवर खाते थे। लेकिन कुछ सालो में ओट्स पर वैज्ञानिको द्वारा परीक्षण कर खाने योग्य बनाया गया।उपलब्ध जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 6, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, सेलेनियम इत्यादि हैं। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो आसानी से पानी में घुलनशील हो जाता है। यह पेट को आसानी से भर देता है। जिसके कारण भूख जल्दी नहीं लगती है। यह नाश्ते के रूप में अधिक खाया जाता है

ओट्स के फायदे :

उच्च रक्त चाप : ओट्स का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है और उच्च रक्त चाप की समस्या नहीं होती है।
मधुमेह : ओट्स में ग्लाइसेमिक कम मात्रा में पायी जाती है। यह मधुमेह रक्त चाप को रेगुलेट करता है। ओट्स में मौजूदा बीटा-ग्लूकॉन मधुमेह के मरीजों को रक्त चाप को कम करता है। इससे मधुमेह मरीजों को बहुत फायदा मिलता है।
इम्युनिटी के लिए : ओट्स में मौजूदा बीटा-ग्लूकॉन शरीर के इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
कैंसर : ओट्स में एंटी-आक्सीडेंट तत्व पाया जाता है। इसमें एंटी कैंसर का गुण होता है जो कैंसर के रोग से शरीर को बचाने का काम करता है।
हृदय : ओट्स में विटामिन सी, एंटी-आक्सीडेंट और प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। यह तत्व आक्सीकरण को रोकता है। जिससे ह्रदय की सुरक्षा होती है।
त्वचा : ओट्स त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि ओट्स में कई पोषक तत्व और एंटी आक्सीडेंट गुण होता है जो त्वचा को कोमल और सुंदर बनाता है।
तनाव : अत्यधिक चिंता में होने मस्तिष्क में तनाव (Stress) बढ़ता है। तनाव को दूर करने के लिए नियमित रूप से अपने आहार में ओट्स का सेवन करे।
आंत के लिए : ओट्स में अधिक फाइबर होता है। जो आंतो और मलाशय के लिए बहुत फायदेमंद होता है। उन व्यक्तियों को अधिक ओट्स का सेवन करना चाहिए जिन्हे कब्ज की समस्या है। सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो जाती है।

स्पिरुलिना (1600 mg)

स्पिरुलिना (Spirulina) एक नीली-हरी शैवाल एल्गी (algae) है। यह एल्गी इंसानों में किसी भी महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव के बिना प्रोटीन और विटामिन पूरक के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। स्पिरुलिना नम जमीन, अलवणीय और लवणीय जल (Alloyable and saline water), वृक्षों की छाल, नम दीवारों पर हरी, भूरी या कुछ काली परतों के रूप में मिलते हैं। यह बड़े आउटडोर क्षारीय झीलों में उगता है। दुनिया भर में इसे सिर्फ भारत, ग्रीस, जापान, अमेरिका और स्पेन आदि में ही उगाया जाता है। स्पाइरुलिना में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है लगभग 70 प्रतिशत, साथ ही इसमें विटामिन बी 12, प्रोविटामिन ए, खनिज, लौह तत्व भी पाए जाते हैं। यह एल्गी कई रोगों के लक्षणों में सुधार करती है। इसमें एंटीएलर्जिक, एंटीकैंसर, एंटीवायरल, एंटीट्यूमर, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडाइबेटिक और जीवाणुरोधी आदि प्रभाव हैं।
स्पिरुलिना के फायदे : ये आपके खून से कोलेस्ट्राल का लेवल कम करके रक्तचाप को नियंत्रित करता है. आयरन की प्रचुर मात्रा स्पिरुलिना को गर्भाव्स्था के दौरान एक आवश्यक आहार बनाता है. इसकी सहायता से अनीमिया को दूर किया जा सकता है.कब्ज वगैरह के लिए भी ये बेहद कारगर साबित होता है.यही नहीं ये आँखों के निचे के धब्बे और ड्राई आईज के उपचार में भी लाभदायक है.मधुमेह के मरीजों के लिए भी स्पिरुलिना काफी काम का साबित होता है.इसे नियमित रूप से लेने से आपका शुगर कम होता है. जिनका वजन बहुत ज्यादा है उनके लिए इसका सेवन राम बाण साबित होता है. क्योंकि इसमें फैटी एसिड, बीटा कैरोटिन, क्लोरोफिल और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं.

फ्लक्स सीड (3200 mg)

अलसी का दूसरा नाम तीसी है। यह एक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। स्थानों की प्रकृति के अनुसार, तीसी के बीजों के रंग-रूप, और आकार में भी अंतर पाया जाता है। देश भर में तीसी के बीज सफेद, पीले, लाल, या थोड़े काले रंग के होते हैं। गर्म प्रदेशों की तीसी सबसे अच्छी मानी जाती है। आमतौर पर लोग तीसी के बीज, तेल को उपयोग में लाते हैं।
फ्लक्स सीड के फायदे : तीसी के प्रयोग से सांस, गला, कंठ, कफ, पाचनतंत्र विकार सहित घाव, कुष्ठ आदि रोगों में लाभ लिया जा सकता है। साथ ही इससे ह्रदय से सम्बंधित विकारों को भी दूर किया जा सकता है |

स्किम्ड मिल्क (3200 mg)

क्रीम और फैट निकलने के बाद जो दूध बचता है उसे स्किम्ड दूध कहते हैं।

स्किम्ड मिल्क के फायदे : स्किम्‍ड दूध में वसा के अलावा शरीर को पौष्टिकता प्रदान करने वाले प्रोटीन, मिनरल और विटामिन होते हैं, नियमित रूप से इसका सेवन करने से कई बीमारियों से बचाव होता है। जैसे हड्डियों को मजबूत बनाता है , मांसपेशियों को मजबूत बनाता है , त्वचा को निखारती है , वजन को कम करती है , तनाव से बचाती है और दिमाग के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होता है |
व्हे प्रोटीन दूध से बना प्रोडक्ट है लेकिन इसमें हाई क्वालिटी का प्रोटीन होता है क्योंकि इसमें सभी जरूरी नौ अमीनो एसिड होते हैं. इसके अलावा ये शरीर में आसानी से पच जाते

व्हेय प्रोटीन (16000 mg)

एंटीऑक्सीडेंट फंक्शन को बढ़ाता है- व्हे प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट फंक्शन को बढ़ाता और मजबूत करता है.
व्हेय प्रोटीन के फायदे: यह प्रोटीन पचने में कम समय लेता है। फास्ट मसल्स रिकवरी करता है। कंपलीट प्रोटीन का सोर्स होता है।शरीर की ओवरऑल ग्रोथ में मदद करता है।Whey Protein में Muscle बढ़ाने और फैट को कम करने में मदत करता है। यह प्रोटीन हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने और उनसे बचाने में मदत करता है।

सेहत सुधा कौन–कौन ले सकता है

जो लोग शरीर से दुबले पतले है, खाया पिया शरीर को नहीं लगता ,है पाचनक्रिया हमेशा ख़राब रहता है, भूख काम लगती है, उसके लिए ये बहुत ही खास है इसके आलावा अगर किसी का वजन ठीक है लेकिन कमजोरी फील करते है या काम करने में थकावट होती है या कोई अपना हेल्थ और बूस्ट करना चाहते है अपना इम्युनिटी को स्ट्रांग करना चाहते है तो वो भी ले सकते है, इसे लेने के बाद अलग से कोई इम्युनिटी बढ़ाने की दवा लेने की आवश्यकता नहीं होगी,,, तो आप इसे एक बार जरूर try करें और अपने शरीर की किसी भी कमजोरी को हमेशा के लिए भूल जाइये

सेहत सुधा कौन कौन नहीं ले सकता है

कुछ विशेष परिस्थिति में सेहत सुधा लेने की सलाह नहीं दी जाती है जैसे कोई भी अगर कोई बड़ी बिमारी से ग्रसित है टीबी, दमा, दौरे, बीपी शुगर पथरी कैंसर पीलिया जलोधर टाइफाइएड एक साल के अंदर कोई छोटा बड़ा ऑपरेशन हुआ है महिला प्रगनेंसी में है या बच्चे को दूध पिलाती है इन सभी परिशतियों में सेहत सुधा या हमारा कोई भी प्रोडक्ट दवाई लेने से पहले अपने चिकित्सक से इसके बारे में सलाह जरूर ले |

सेहत सुधा सेवन करने/खाने का तरीका

एक गिलास दूध में एक चाय चमच के बराबर मात्रा में सुबह शाम खाना खाने के आधे घंटे बाद दूध नहीं रहने की इस्थिति में एक कप/आधे गिलास गुनगुने पानी के साथ ले सकते है |
इसे आर्डर करके मंगवाने का तरीका बिलकुल आसान है स्क्रीन पर दिख रहे नंबर पर कॉल या व्हाट्सप्प कर लीजिये या लिंक है वहां से बूकर कर लीजिये

सेहत सुधा साइड इफ़ेक्ट

जैसा की ऊपर बताया जा चूका है की मानव हर्बल्स 100% विशुद्ध सबसे उच्च कोटि के गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाई के लिए ही काम करती है और हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा जनता है कि इस तरह की शुद्ध आयुर्वेदिक दवाइयां को उचित मात्रा में एक्सपर्ट कि सलाह में लेने से कोई भी नुकसान या दुष्प्रभाव नहीं करती है | हालाँकि मार्केट में बहुत सारे कंपनियां आयुर्वेद के नाम पर बड़े बड़े बाते और दावे करके अपनी जेब भरने के चाकर में एलोपैतिक और Steoride मिलाकर बेचते है जिसके वजह से लोगो आयुर्वेद पर भी कभी कभी कन्फ्यूज्ड हो जाते है/ जो लोग अच्छा काम कर रहे है उनपर भी शक करते है ?

दुबारा वजन/सेहत गिर क्यों जाता है ?

बहुत सरे लोगों का फ़ोन और मैसेज आते है जिसमे सबसे ज्यादा सवाल यह होता है की एक बार सेहत बनने के बाद दुबारा फ़ीर से डाउन हो जाती है तो इस बात को मै क्लियर कर देता हूँ की इसका रीज़न क्या होता है तो इसका सिर्फ दो ही रीज़न है पहला कारन होता है की जो लोग स्टेरॉयड वाली मेडिसिन या सप्लीमेंट से बॉडी बनाते है चाहे वो आयुर्वेद के नाम पर ही क्यों ना दिया गया हो मतलब आयुर्वेदिक दवा के नाम पर उसमे मिलावट किया गया हो उनका तो दुबारा सेहत गिरना लाजमी है क्यूंकि इस त रह के कंटेंट बॉडी को डायरेक्ट फुला देती और उसको छोड़ने के बाद जैसे ही उसका गैस ख़तम होता है की दुबारा बॉडी की हालत पहले से भी ज्यादा चिंता जनक हो जाती है दूसरी वजह होती है अगर अपने किसी नेचुरल तरीके से अपना शरीर का वजन बढ़ा भी लिया लेकिन बाद में उसको मेन्टेन नहीं कर पातें यानी की अपनी डाइट और सेहत पर बिलकुल सीरियस नहीं रहते है,,,, क्यूंकि शरीर का सेहत हो या घर वाली दोनों को अगर ध्यान नहीं देंगे तो कहीं और चली जाती है

दुबारा सेहत/वजन कभी ना कम हो इसके लिए क्या करें

तो 14 दुर्लभ और शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और 2 नेचुरल प्रोटीन सोर्स से तैयार सेहत सुधा का कोर्स पूरा कर लीजिये, ऊपर बताये गए छोटी मगर काफी महत्वपूर्ण बात को समझिये और इसको सीरियसली लीजिये और बातों का हमेशा ध्यान रखिये अपने सेहत का आपको मै चैलेंज देता हूँ आपका सेहत कभी नहीं गिरेगी,,,

सेहत/वजन ना बढ़ने का कुछ अन्य कारन

हाइपो थाइरोइड
सही भोजन/ पोषण की कमी
ख़राब जीवनशैली
तो एक बार इन कारणों पर भी गौर और जाँच जरूर कर लें

5 चीज़ें सेहत के लिए जरूर करें

1. 4 -6 केले रोज खाएं

2. रात को खाने के आधे घंटे बाद एक गिलास गाय या भैंस का दूध में एक चमच शहद मिलकर पियें

3. रोज आधे से एक घंटे एक्सरसाइज या योग करें

4. एक दिन में 8 -10 गिलास पानी पियें

5. रात के खाने के बाद 15 मिनट्स जरूर टहलें

6. 8 घंटे का भरपूर गहरी नींद लें

5 चीज़ें सेहत के लिए कभी ना करें

1. किसी भी तरह के नसा करने से से बचें

2. देर रात तक खाना खाने से बचें

3. बाहर की जंक फ़ूड फ़ास्ट फ़ूड कोल्ड ड्रिंक को खाने/पिने से बचें को

4. डिप्रेशन से बचें

5. नियमित योग एक्सरसाइज जरूर करें

सेहत सुधा मंगवाने का तरीका

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