Description
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सेहत सुल्तान एक परिचय
सेहत कमजोर होने का मुख्य कारण
समय के साथ अगर व्यक्ति के शरीर का पूरा विकाश नहीं होता तो चिंताएं और बढ़ जाती है सेहत का फिक्र होने लगता खास कर उनको और ज्यादा जो बचपन से दुबले पतले होते है सेहत सुल्तान उन दुबले पतले लोगो के लिए बहुत हीं खास है जो अपना वजन और पर्सनालिटी बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर चुके है बहुत सारे उपाय और डाइट को पहले से फॉलो कर रहे है या करने के बाद भी आपका वजन नहीं बढ़ रहा है या कोई प्रोडक्ट या सप्लीमेंट्स खा चुके है वजन बढ़ाने के लिए और वजन बढ़ने के बाद फिर से दुबारा गिर जाता है | है तो ये सभी समस्याएं पाचन और इम्मुनिटीकमजोर होने के कारन होता है और पाचन और इम्युनिटी ख़राब होने का मुख्या कारन है आधुनिक जीवनशैली और खान पान | पुराने ज़माने के लोगों का सेहत इतना कमजोर नहीं होता था क्यूंकि उनका पूरा खान पान और जीवन शैली प्राकृति के अनुकूल होता था आधुनिक जीवनशैली और खान पान के वजह से आपके वजन बढ़ने का सभी प्रयास बेकार हो जाती है, जानकारी के आभाव में लोग तरह तरह के मार्केट की दवाई और सप्लीमेंट्स यूज़ करने लगते जिसके कारन ये समस्या और जटिल हो जाती है, इन सभी कारणों से पूरा पाचन सिथिल और कमजोर हो जाती है पेट में गैस कब्ज़, हमेशा पेट खराब रहने लगता कुछ भी खाया पिया हुआ भोजन का रास शरीर मिल नहीं पता कुछ भी ताकत वाली चीज़ें खाने के बाद उसका उल्टा रिजल्ट मिलता है, शरीर दुबला पतला कमजोर दीखता है हर हमेशा आस पास के लोग मजाक बनाते रहते है जॉब करियर में बाधा बन जाती है |तो इन तमाम समस्यायों के होने के कारणों को ध्यान में रखते हुए मानव हर्बल्स के फार्मेसिस्ट टीम ने मिलकर रिसर्च के द्वारा सेहत सुल्तान को बनाया है
सेहत सुल्तान काम कैसे करता है
इसके सेवन से पुरे हाज़मे के सभी त्रुटिओं को दूर करके खाये गए भोजन के सभी पोषक्तत्वो शरीर को मिलने लगता है नया खून बनता है ताकत बढ़ती है वजन बढ़ता है और पर्सनालिटी निखार जाती है
सेहत सुल्तान घटक (इंग्रेडिएंट्स ) इस प्रकार हैंः
अश्वगंधा
आयुर्वेद में उपचार के लिए अश्वगंधा का उपयोग आज कोई नया नहीं है यह प्राचीन काल से ही उपयोग में आ रहा है यह एक बहुत ही कारगर औषधि है. बीते कई हजारों साल से अश्वगंधा का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए किया जाता रहा है. आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने अश्वगंधा के बारे में बताते हुई कई ऐसी जानकारियां दी हैं जिसका पता शायद ही किसी को हो. अश्वगंधा का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है.
अश्वगंधा के फायदे : अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ और भी कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो आपकी बॉडी को हेल्दीं रखने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण भी होते है जो स्ट्रेस फ्री करने में मदद करते है। इसके अलावा इसे घी या दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ाने में मदद करती है | साथ ही कोलेस्ट्रॉल , मधुमेह और कैंसर से भी बचाव करता है |
सफेद मूसली (800 mg)
सफेद मूसली (safed musli) को शक्तिवर्द्धक जड़ी बूटी माना जाता है, इसलिए आयुर्वेद में औषधि के रूप में इसका बहुत इस्तेमाल किया जाता है। सफेद मूसली की जड़ और बीज, विशेष रूप से औषधि के रूप में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
स्वेत मूसली के फायदे: आमतौर पर सफेद मूसली का उपयोग सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए अधिक होता है लेकिन इसके अलावा सफेद मूसली का इस्तेमाल आर्थराइटिस, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज),नपुंसकता आदि रोगों के इलाज में और शारीरिक कमजोरी दूर करने में भी प्रमुखता से किया जाता है। कमजोरी दूर करने की यह सबसे प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। इसके जड़ों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, सैपोनिंस जैसे पोषक तत्व और कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि खनिज प्रमुखता से पाए जाते हैं।
ओट्स (1600 mg)
ओट्स एक प्रजाति का अनाज है। जो बीजो की तरह होती है जिसे दलिया भी कहा जाता है। पहले ओट्स को केवल जानवर खाते थे। लेकिन कुछ सालो में ओट्स पर वैज्ञानिको द्वारा परीक्षण कर खाने योग्य बनाया गया।उपलब्ध जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 6, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, सेलेनियम इत्यादि हैं। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो आसानी से पानी में घुलनशील हो जाता है। यह पेट को आसानी से भर देता है। जिसके कारण भूख जल्दी नहीं लगती है। यह नाश्ते के रूप में अधिक खाया जाता है
ओट्स के फायदे :
उच्च रक्त चाप : ओट्स का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है और उच्च रक्त चाप की समस्या नहीं होती है।
मधुमेह : ओट्स में ग्लाइसेमिक कम मात्रा में पायी जाती है। यह मधुमेह रक्त चाप को रेगुलेट करता है। ओट्स में मौजूदा बीटा-ग्लूकॉन मधुमेह के मरीजों को रक्त चाप को कम करता है। इससे मधुमेह मरीजों को बहुत फायदा मिलता है।
इम्युनिटी के लिए : ओट्स में मौजूदा बीटा-ग्लूकॉन शरीर के इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
कैंसर : ओट्स में एंटी-आक्सीडेंट तत्व पाया जाता है। इसमें एंटी कैंसर का गुण होता है जो कैंसर के रोग से शरीर को बचाने का काम करता है।
हृदय : ओट्स में विटामिन सी, एंटी-आक्सीडेंट और प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। यह तत्व आक्सीकरण को रोकता है। जिससे ह्रदय की सुरक्षा होती है।
त्वचा : ओट्स त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि ओट्स में कई पोषक तत्व और एंटी आक्सीडेंट गुण होता है जो त्वचा को कोमल और सुंदर बनाता है।
तनाव : अत्यधिक चिंता में होने मस्तिष्क में तनाव (Stress) बढ़ता है। तनाव को दूर करने के लिए नियमित रूप से अपने आहार में ओट्स का सेवन करे।
आंत के लिए : ओट्स में अधिक फाइबर होता है। जो आंतो और मलाशय के लिए बहुत फायदेमंद होता है। उन व्यक्तियों को अधिक ओट्स का सेवन करना चाहिए जिन्हे कब्ज की समस्या है। सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो जाती है।
कौच बीज
केंवाच की मुख्यतः दो प्रजातियां होती हैं। एक प्रजाति जो जंगलों में होती है। दूसरी प्रजाति की खेती की जाती है।जंगली केंवाच पर घने और भूरे रंग के बहुत अधिक रोएं होते हैं। अगर यह शरीर पर लग जाए तो बहुत तेज खुजली, जलन होने लगती है। इससे सूजन होने लगती है।
कौच बिज़ के फायदे: इसके फायदे, मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए , पुरुष बांझपन को दूर करने में , कामशक्ति (सेक्सुलअल स्टेमना) बढ़ाने के लिए ,बढ़ती उम्र को रोकने में , मासिक धर्म विकार में , पेशाब से संबंधित रोग में ,लकवा (पक्षाघात) में , डायबिटीज में , किडनी विकार में और दस्त को भी नियंत्रित करता है |
आवला
आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। आयुर्वेद में आंवले को बहुत लाभकारी बताया गया है. इसमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है |
आवला के फायदे : आंवला कोल्ड, कफ के अलावा शरीर में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं होने देता है. साथ ही इसमें ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो कैंसर सेल्स से लड़ने का काम करते हैं.आंवला खून को साफ करता है, दस्त, मधुमेह, जलन की परेशानी में लाभ पहुंचाता है। इसके साथ ही यह जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या हेमोराइड में भी फायदेमंद होता है।इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने का काम करता है. साथ ही रूखे और बेजान बालों को भी मजबूत बनता है |
गोखरू
इसके पौधे जमीन पर छत्ते की तरह फैले रहते हैं | गोक्षुर के जड़ को दशमूल में और फल को वृष्य के रुप में प्रयोग करते है। इसके पत्ते चने के जैसे होते हैं। इसलिए संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं।और इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बीजी होते हैं। गोखुर के गुण अनगिनत है। जिसके कारण ही यह सेहत और रोगों दोनों के लिए औषधि के रुप में काम करता है।
गोक्षुरा के फायदे: गोक्षुर या गोखरू वातपित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ, रक्त-पित्त(नाक-कान से खून बहना) से राहत दिलाने वाला, कफ दूर करने में , मूत्राशय संबंधी रोगों में तथा शक्तिवर्द्धक और स्वादिष्ट होता है। गोक्षुर का बीज ठंडे तासीर का होता है। इसके सेवन से मूत्र अगर कम हो रहा है वह समस्या दूर हो जाती है।जिससे आपका शरीर फिट और तंदुरुस्त रहता है |
मोरिंगा
मोरिंगा को सहजन भी कहा जाता है. आमतौर पर लोग सहजन का प्रयोग केवल उसकी सब्जी बनाने के लिए करते हैं. बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोरिंगा सेहत के लिए और भी कई तरीकों से फायदेमंद होता है. मोरिंगा में खूब सारा प्रोटीन, एमिनो एसिड, फाइबर, विटामिन A B, C और E पाया जाता है.और साथ में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो एक निरोग बॉडी की आवश्यकता होती है |
मोरिंगा के फायदे: मोरिंगा का उपयोग अस्थमा (asthma), मधुमेह (diabetes), मोटापा (Obesity), रजोनिवृत्ति के लक्षण (symptoms of menopause) और कई अन्य बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। मोरिंगा के बीजों के तेल का उपयोग खाद्य पदार्थों, इत्र और बालों की देखभाल करने वाले उत्पादों में और मशीन लुब्रिकेंट के रूप में भी किया जाता है
पपाइन
जैसा की हम सब जानते है की पैपिन, पपीते से निकाला जाता है जो एक पाचक एंजाइम है. ये प्रोटीन को पचाने में मदद करता है और आंतों को साफ करता है. एक अच्छा पाचन तंत्र शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, जिससे फैट कम होता है.
पपाइन के फायदे : यह पाचन क्रिया को सुधारने में भी काम आता है। इसके इस्तेमाल से पेट के कीड़े, गले और ग्रसनी की सूजन, दाद (herpeszoster) के लक्षण, दस्त,फीवर, नाक बहना और सोरायसिस (स्किन की एक स्थिति) को कम किया जा सकता है।
गिलोय
गिलोय एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। ‘बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसका नाम अमृता भी है।आयुर्वेद में इसे रसायन माना गया है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।गिलोय के पत्ते स्वाद में कसैले, कड़वे और तीखे होते हैं।
गिलोय के फायदे: गिलोय का उपयोग कर वात-पित्त और कफ को ठीक किया जा सकता है। यह पचने में आसान होती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं।
चिआ सीड्स
Chia plant एक फूलदार पौधा होता है जो कि पुदीने के पौधे की तरह होता है, इसी पौधे के बीज को चिया सीड्स कहते हैं। चिया बीज एक बहुत छोटे बीज हैं, जो काले और सफेद रंग के होते हैं। मूल रूप से मैक्सिको में उगाए जाने वाले पौधे साल्विया हेस्पेनिका के एक खाद्य बीज, चिया बीज एक पोषक तत्व-घना घटक है।
चिआ सीड्स के फायदे: चिया के बीज में 18% आरडीआई कैल्शियम पाया जाता है जोकि हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। साथ ही चिआ सीड्स हृदय संबंधित रोगों में लाभकारी होता है , पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है ,शरीर को energetic बनाता है और immune system को भी मजबूत बनाता है।
इसके अतिरिक्त इसमें सिंघाड़ा, शतावरी, काली मूसली, कालातिल, हरितिका, बिभितिका, सौंफ एवं गिलोय है।
सेहत सुल्तान कौन–कौन ले सकता है
जो लोग शरीर से दुबले पतले है, खाया पिया शरीर को नहीं लगता ,है पाचनक्रिया हमेशा ख़राब रहता है, भूख काम लगती है, उसके लिए ये बहुत ही खास है इसके आलावा अगर किसी का वजन ठीक है लेकिन कमजोरी फील करते है या काम करने में थकावट होती है या कोई अपना हेल्थ और बूस्ट करना चाहते है अपना इम्युनिटी को स्ट्रांग करना चाहते है तो वो भी ले सकते है, इसे लेने के बाद अलग से कोई इम्युनिटी बढ़ाने की दवा लेने की आवश्यकता नहीं होगी,,, तो आप इसे एक बार जरूर try करें और अपने शरीर की किसी भी कमजोरी को हमेशा के लिए भूल जाइये
सेहत सुल्तान कौन कौन नहीं ले सकता है
कुछ विशेष परिस्थिति में सेहत सुल्तान लेने की सलाह नहीं दी जाती है जैसे कोई भी अगर कोई बड़ी बिमारी से ग्रसित है टीबी, दमा, दौरे, बीपी शुगर पथरी कैंसर पीलिया जलोधर टाइफाइएड एक साल के अंदर कोई छोटा बड़ा ऑपरेशन हुआ है महिला प्रगनेंसी में है या बच्चे को दूध पिलाती है इन सभी परिशतियों में सेहत सुल्तान या हमारा कोई भी प्रोडक्ट दवाई लेने से पहले अपने चिकित्सक से इसके बारे में सलाह जरूर ले |
सेहत सुल्तान सेवन करने/खाने का तरीका
एक गिलास दूध में एक चाय चमच के बराबर मात्रा में सेहत सुल्तान पाउडर सुबह शाम खाना खाने के आधे घंटे बाद दूध नहीं रहने की स्थिति में एक कप/आधे गिलास गुनगुने पानी के साथ ले सकते है |
इसे आर्डर करके मंगवाने का तरीका बिलकुल आसान है स्क्रीन पर दिख रहे नंबर पर कॉल या व्हाट्सप्प कर लीजिये या लिंक है वहां से बूक कर लीजिये
सेहत सुल्तान साइड इफ़ेक्ट
जैसा की ऊपर बताया जा चूका है की मानव हर्बल्स 100% विशुद्ध सबसे उच्च कोटि के गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाई के लिए ही काम करती है और हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा जनता है कि इस तरह की शुद्ध आयुर्वेदिक दवाइयां को उचित मात्रा में एक्सपर्ट कि सलाह में लेने से कोई भी नुकसान या दुष्प्रभाव नहीं करती है | हालाँकि मार्केट में बहुत सारे कंपनियां आयुर्वेद के नाम पर बड़े बड़े बाते और दावे करके अपनी जेब भरने के चाकर में एलोपैतिक और Steoride मिलाकर बेचते है जिसके वजह से लोगो आयुर्वेद पर भी कभी कभी कन्फ्यूज्ड हो जाते है/ जो लोग अच्छा काम कर रहे है उनपर भी शक करते है ?
दुबारा वजन/सेहत गिर क्यों जाता है ?
बहुत सरे लोगों का फ़ोन और मैसेज आते है जिसमे सबसे ज्यादा सवाल यह होता है की एक बार सेहत बनने के बाद दुबारा फ़ीर से डाउन हो जाती है तो इस बात को मै क्लियर कर देता हूँ की इसका रीज़न क्या होता है तो इसका सिर्फ दो ही रीज़न है पहला कारन होता है की जो लोग स्टेरॉयड वाली मेडिसिन या सप्लीमेंट से बॉडी बनाते है चाहे वो आयुर्वेद के नाम पर ही क्यों ना दिया गया हो मतलब आयुर्वेदिक दवा के नाम पर उसमे मिलावट किया गया हो उनका तो दुबारा सेहत गिरना लाजमी है क्यूंकि इस त रह के कंटेंट बॉडी को डायरेक्ट फुला देती और उसको छोड़ने के बाद जैसे ही उसका गैस ख़तम होता है की दुबारा बॉडी की हालत पहले से भी ज्यादा चिंता जनक हो जाती है दूसरी वजह होती है अगर अपने किसी नेचुरल तरीके से अपना शरीर का वजन बढ़ा भी लिया लेकिन बाद में उसको मेन्टेन नहीं कर पातें यानी की अपनी डाइट और सेहत पर बिलकुल सीरियस नहीं रहते है, क्यूंकि शरीर का सेहत हो या घर वाली दोनों को अगर ध्यान नहीं देंगे तो कहीं और चली जाती है
दुबारा सेहत/वजन कभी ना कम हो इसके लिए क्या करें
तो 14 दुर्लभ और शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और 2 नेचुरल प्रोटीन सोर्स से तैयार सेहत सुल्तान का कोर्स पूरा कर लीजिये, ऊपर बताये गए छोटी मगर काफी महत्वपूर्ण बात को समझिये और इसको सीरियसली लीजिये और बातों का हमेशा ध्यान रखिये अपने सेहत का आपको मै चैलेंज देता हूँ आपका सेहत कभी नहीं गिरेगी
सेहत/वजन ना बढ़ने का कुछ अन्य कारन
हाइपो थाइरोइड
सही भोजन/ पोषण की कमी
ख़राब जीवनशैली
तो एक बार इन कारणों पर भी गौर और जाँच जरूर कर लें
5 चीज़ें सेहत के लिए जरूर करें
1. 4 -6 केले रोज खाएं
2. रात को खाने के आधे घंटे बाद एक गिलास गाय या भैंस का दूध में एक चमच शहद मिलकर पियें
3. रोज आधे से एक घंटे एक्सरसाइज या योग करें
4. एक दिन में 8 -10 गिलास पानी पियें
5. रात के खाने के बाद 15 मिनट्स जरूर टहलें
6. 8 घंटे का भरपूर गहरी नींद लें
5 चीज़ें सेहत के लिए कभी ना करें
1. किसी भी तरह के नसा करने से से बचें
2. देर रात तक खाना खाने से बचें
3. बाहर की जंक फ़ूड फ़ास्ट फ़ूड कोल्ड ड्रिंक को खाने/पिने से बचें को
4. डिप्रेशन से बचें
5. नियमित योग एक्सरसाइज जरूर करें
सेहत सुल्तान मंगवाने का तरीका
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